बुधवार, 10 अगस्त 2011

स्वास्थ्य के कुछ घरेलु प्रयोग



शक्कर, भुना जीरा तथा पुदीने को पीस के पानी में घोलकर पीने से गर्मियों में ठंडक मिलती है।
आम की गुठली के बारीक पाउडर से मंजन करने पर पायरिया तथा दाँतों के अन्य विकार नष्ट हो जाते हैं।
छाती में दर्द होने पर गाजर के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से बहुत लाभ होता है, लेकिन रस उबली हुई गाजरों का ही निकालें।
कान बहता हो या दर्द करता हो तो प्याज का रस गुनगुना करके 4-5 बूँद डालने से शीघ्र आराम होता है।
प्याज और अदरक का रस मिलाकर पिलाने से उलटी बंद हो जाती है।
मुलतानी मिट्टी में आलू का रस मिलाकर बनाये गये लेप को चेहरे पर लगाने से त्वचा में निखार आता है।
भोजन के बाद थोड़ी सौंफ चबाने से मुँह के छालों में आराम मिलता है।
दमे के रोगी के लिए करेले की सब्जी बहुत लाभकारी है।
धोये हुए चावल का पानी मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेचिश, अतिसार व प्रदर रोग में लाभ होता है।
नींबू के रस में नमक मिलाकर दाँत साफ करने से वे चमकदार बने रहते हैं। इसे सिर्फ दाँतों पर ही लगायें, मसूड़ों पर नहीं।
आँवले तथा आम की गुठली को पीस लें, पानी मे उसका पेस्ट बना के बालों में लगाने से वे असमय सफेद नहीं होते।
नमक व काली मिर्च के मिश्रण से दाँत माँजने से मुँह से बदबू नहीं आती।
पके पपीते में नींबू का रस डालकर सेवन करने से बदहजमी दूर होती है।
लहसुन के रस मे कपूर मिलाकर मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम होता है।
पैर ऐँठ जायें तो सहनीय गर्म पानी में नमक डालकर कुछ देर रखने से आराम मिलता है।
पका केला भुने जीरे के साथ खाने से नींद अच्छी आती है।
सदैव ही खाँसी-जुकाम रहता हो तो प्रतिदिन खाली पेट कम मात्रा में गुनगुने पानी का सेवन करने की आदत डालें।
अदरक, दालचीनी व तुलसी की कुछ पत्तियाँ डालकर चाय बनाकर पीने से गले की खराश ठीक होती है(इसमें दूध नहीं डालें)।
जिस स्थान पर काँटा चुभा है, वहाँ थोड़ी-सी हींग रगड़ दें, काँटा निकल जायेगा।
देसी घी में हल्दी या तुलसी का पत्ता डाल देने से लम्बे समय तक उसकी सुगंध नहीं जाती।
स्रोतः लोक कल्याण सेतु, मई 2011, पृष्ठ संख्या 13, अंक 167
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